बहुत लोग हैं मरने वाले... तुझपे अपनी जान गंवाने...
मान है, अभिमान है तू, भारत! तेरी ही शान हैं वो!
मारने वालों की कमी नहीं... बस मरने वाले ज्यादा हैं!
तेरे लिए कुर्बान हैं वो, माँ, तेरे ही तो बन्दे हैं!
एहसास नहीं है सबको माँ... इन वीरों के बलिदान का
कि मातृभूमि की रक्षा हेतु, तत्पर वो जान गंवाने को,
घर छोड़ दिया, सब छोड़ दिया... अपनों की रखवाली को,
ऐसे वीर हैं जन्में तुझसे, हैं अटल-अजय-अमर वो माँ...
गान राष्ट्र के, गीत शौर्य के, गूंजे जिनके रग-रग में,
तेरे ही तो बन्दे हैं वो, हैं अमर-अटल जवान वो!

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